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मगर अंगुल का माप शास्त्रीय है। आत्मा प्रबोधक पृष्ठ ३६)
उत्तर वायव्य । ईशान पश्चिम -पूर्व नैऋत्य | अग्नि
दक्षिण (३) घर मंदिर में संगमरमर यानि आरस के भगवान
नहीं रखने चाहिये। पंचधातु-सर्वधातु के रख
सकते हैं। (समयावली सूत्र) (४)शिल्पानुसार घर मंदिर में परिकर वाले भगवान
ही रख सकते हैं। परिकर बिना के भगवान घर मंदिर में निषिद्ध हैं। (संघ मंदिर में भी या तो परिकर वाले भगवान हो या परिवार वाले त्रिगड़ा
वगैरह। तीर्थं की बात अलग है।) (५) नाम राशि के अनुसार ही भगवान लेने चाहिये।
घर का मैन व्यक्ति या घर में रहने वाले मेम्बर के नाम से भगवान ले सकते हैं। लड़की के नाम से नहीं ले सकते चूंकि वह पराये घर जाने वाली
- गुड नाईट - 21
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