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________________ * अंजलिबद्ध प्रणाम करने की विधि दायें हाथ की उंगलियाँ ऊपर आये इस प्रकार हाथ की उंगलियाँ एक दूसरे में फंसानी । तत्पश्चात् दोनों हथेली इकट्ठी कर सिद्धशिला पर विराजमान २४ तीर्थंकरों एवं अनंतसिद्धों के भाव से दर्शन करें और उन्हें वंदन करें, "जिस सिद्धात्मा की कृपा से मेरी आत्मा निगोद में से बाहर आई, सातवीं नरक से भी अनंतगुणी वेदना से मेरा छुटकारा हुआ, उन परमोपकारी सिद्ध भगवंत को मेरी कोटि-कोटि वंदना हो!" वैदिक दर्शन में भी विधान के रूप में कहा गया है "प्रभाते करदर्शनं कुर्यात् " सुबह उठकर पुरूषों को दायां हाथ देखना, बहिनों को बायां हाथ देखना । आगे भी कहा है - "कराग्रे वसति लक्ष्मी: कर मध्ये च सरस्वती''। सुबह उठकर सर्वप्रथम अपनी हथेली के अग्रभाग गुड नाईट - 11 Jain Education Internationalor Personal & Pr Use onlwww.jainelibrary.org.
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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