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फूलडा ने शामल जेवो रंग ।
राधा जेवा आज तारी आंगी नो कांई रूडो बन्यो छे रंग,
प्यारा पासजी हो लाल, दीनदयाल मुने नयणे निहाल
जोगी वाडे जागतो ने मातो धिंगडमल्ल । शामलो सोहामणो कांई, जीत्या आठे मल्ल । प्यारा.
तूं छे मारो साहिबो ने हुं हुं तारो दास ।
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आश पूरो दासनी कांई सांभली अरदास । प्यारा.
देव सघला दीठा तेमां, एक तूं अवल्ल । लाखेणुं छे लटकं ताहरं देखी रीझे दिल्ल प्यारा.
कोई नमे पीरने ने, कोई नमे राम । उदयरत्न कहे प्रभुजी, मारे तुमसुं काम । प्यारा.
“सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः” 91
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