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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, मण्डफिया (सांवलियाँ) यह शिखरबंद मंदिर भादसोड़ा ग्राम से 11, मंगलवाड़ चौराहा से व निम्बाहेड़ा से 20 किलोमीटर दूर सांवलियाँ जी के मंदिर के पास स्थित है, कहा जाता है कि पूर्व में इस गाँव में किन्नर लोग रहा करते थे, बाद में भाटी राजपूत रहने लगे उन्होनें किन्नर लोगो को खादेड़ा उसके बाद अन्य सभी जाति के लोग आकर बसने लगे मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 500 वर्ष पूर्व जारोली परिवार ने एक प्रतिमा को विराजमान कराई तदुपरान्त संवत् 1900 के लगभग मंदिर निर्माण करा प्रतिष्ठा कराई। मूर्तिपूजक का एक ही परिवार रहता है। उन्होनें मंदिर की भूमि व 8 बीघा जमीन देकर समाज को सेवा के लिए सुपुर्द किया।इसके पश्चात् संवत् 2040 के लगभग आमूलचूल परिवर्तन कर मंदिर का निर्माण कराया । यह तृतीय श्रेणी का ठिकाना रहा है। मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित है : । (भूतल) प्रवेश द्वार के सामने श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 39" व नाग तक 47" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2046 माघ शुक्ल 5 का लेख है। ____1. Jain E ton International www.jainelibrary.org For Personal Date Use Only (81)
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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