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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
ग्रंथ के द्रव्य सहायक प. पू. प्राचीन आगम शास्त्रोद्धारक वैराग्य देशना दक्षा आचार्य देव श्रीमद् विजय हेमचंद्रसूरीश्वरजीमहाराज
गया
एवं आचार्यदेव श्रीमद् विजय कल्याणबोधिसूरीश्वरजी महाराज
की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से
श्री अठवालाईन्स जैन श्वेताम्बर मू. तपा. संघ
तथा सेट फूलचंद कल्याणचंद ट्रस्ट ने ज्ञाननिधि से इस ग्रंथ के लिए महत्वपूर्ण लाभ लिया है....
खूब खूब अनुमोदना
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