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________________ 4. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर सं. 2063 का लेख है । श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर सं. 2065 का लेख है । मूलनायक के दाई ओर आलिए में: 5. 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 7" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 2. बाई ओर : निज (गर्भगृह) मंदिर से बाहर निकलते समय दाई ओर : 2. 3. बाई ओर आलिए में: 1-2 श्री पद्मावती माता की स्थानीय पाषाण पर उत्कीर्ण 13", 13 ऊंची खड़ी प्रतिमा है। मूलनायक के मंदिर के दांई ओर : (स्वतन्त्र मंदिर) 1. बाहर : 1. I श्री महावीर भगवान की श्याम पाषाण की 7" ऊंची प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं है । 2. मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्वेत पाषाण की 6" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1540 का लेख है । Education International श्री क्षेत्रपाल की 13", 5", 5", 4" 4" ऊंची प्रतिमा है । श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 19 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2055 का लेख ह । भाप मण्डल बना है । श्री पद्मप्रभ भगवान की (मूलनायक के दाएँ) श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं. 2503 का लेख है । श्री अभिनन्दन भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं. 2503 का लेख है । श्री माणिभद्र वीर की श्वेत पाषाण की इस पर वीर सं. 2503 का लेख है । क्षेत्रपाल की 14 ", 11 व 7 -- ऊंची प्रतिमा है । For Pals 205 vate Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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