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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 22 श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – वि.सं. 1989 फाल्गुन सुद 2 सोमे - - - श्री पार्श्वनाथ बिंब प्र. सौराष्ट्र श्री कदमाल -- बडी देवरी-कमरानुमा में : 23 श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 25" ऊँची प्रतिमा है। इस पर यह लेख हैवीर संवत् 2503 वि.सं. 2033 नेमि सं. 28 वर्ष माघ शुक्ला 13 बुधवार मेदपाट करहेट करेडा तीर्थ श्री उदयपुर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ श्री दक्ष सुरीश्वर सदुपदेशन श्री ऋषभदेव जिनेन्द्र बिंब कारापिंत प्रतिष्ठित तपा. आ. तपागच्छाधिपति शासन सम्राट --- श्री रस्तु। 24 श्री जिनेश्वर भगवान (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लाछंण व लेख नहीं हैं। 25 श्री जिनेश्वर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है । इस पर कोई लाछंण व लेख नहीं है। जिन मंदिर से बाहर निकलते समय बाएं- कारनिस पर (सभामण्डप में): 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 9" ऊँची धातु की प्रतिमा है। इसके पीछे संवत् 1912 का लेख है। श्री शांतिनाथ भगवान की चतुर्विशंति 9" ऊँची धातु की प्रतिमा है। इस पर संवत् 2031 पोष कृष्णा 10 का लेख है। श्री आदिनाथ भगवान की 9" ऊँची धातु की प्रतिमा है। श्री पदम्प्रभ भगवान की श्याम पाषाण की 7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – संवत् 185 --- श्री श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 8" ऊँची प्रतिमा है। श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की ऊँची प्रतिमा है। श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की ऊँची प्रतिमा है। इस पर - शुदि 13 पढने में आता है। Jin Education International For Personal & Private Use Only www.jainelprary prg
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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