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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 12 श्री कूलपाक पार्श्वनाथ भगवान (मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – साण्डेराव निवासी श्रेष्ठि श्री साकलचन्द, गोपीलाल श्रेयसे - - - । इस प्रतिमा को साकलचन्द, बाबूलाल, सोहनलाल गोडीदास ने विराजमान की। 13 श्री नेमीनाथ भगवान (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। 14 श्री श्रेयांसनाथ भगवान (मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इसके नीचे यह लेख है – संवत् 1892 वै.शु. 10 सा. खेडा गोमा श्री श्रेयांसनाथ बिंब --- 15 श्री दूधिया पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – भाणपुरा निवासी भंवरलाल देवीलाल सरेमल -- दूधिया पार्श्वनाथ 16 - श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 18" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – उदयपुर निवासी ओसवाल बापना श्रेष्ठि श्री सोहनलाल श्री कलिकुण्ड पार्श्वनाथ की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इसके नीचे यह लेख है - श्री उदयपुर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघेन श्री कलिकुण्ड पार्श्वनाथ - - श्री ऋषभदेव भगवान (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - संवत् 1972 वै. शु. 10 – श्री ऋषभदेव बिंब कारित श्री 1008 श्री शांतिसूरीश्वर ---- 19. श्री अजितनाथ भगवान (मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। 20 श्री गम्भीरा पार्श्वनाथ (मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर यह लेख है – श्री उदयपुर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघेन श्री गम्भीरा पार्श्वनाथ --- श्री चन्द्रप्रभ भगवान (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 9' ऊँची प्राचीन प्रतिमा है । इस पर कोई लेख नहीं है। ___17 18 hy 21 Jain Education International For Person For Pers (141) a le Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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