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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
___श्री जिनेश्वर भगवान की 13" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर वीर संवत्
2511 पोषवदि 6 का लेख है। 3. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 2.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है।
4. श्री जिनेश्वर भगवान की 3.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। मंदिर के बाहर आलिओं में: 1. श्री अधिष्ठायक देव की 9' ऊँची प्रतीक मूर्ति है। सिन्दुर का प्रयोग होता
है। कोई लेख नहीं है। श्री श्याम पट्ट 10"x 6.5" के आकार पर पादुका स्थापित है। कोई लेख
नहीं है। सभामण्डप में दाई ओर भिन्न-भिन्न आलिओं में : 1. , श्री माणिभद्र की श्याम पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत्
2052 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 9" नाग तक 23" व परिकर
सहित 33" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 3. श्री कुंथुनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। 4. श्री नाकोड़ा भैरव की पीत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है।
सीढ़ियों पर चढ़ते समय दांई ओर एक आलिए में दो अधिष्ठायक देव की प्रतीक मूर्तियां 17" व 9" ऊँची है। माली पन्ना का प्रयोग होता है।
दूसरों को बुरा कहने या बुरा देखने से खुद ही बुरे हो जाते हैं।
जब लोग अच्छे दिखेंगे तब खुद अच्छे हो जाएंगे।
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(83) Usey