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|| नमो अरिहंताणम् ।।
श्वेत क्रान्ति... ! जिन्दाबाद !!
सावधान...! सावधान...!!
जम कर बैठी हुई अनेक भ्रान्त कल्पनाओं की धज्जियां उड़ाने वाला आपके दिल और दिमाग में पहली बार आ रहा है एक धमाका... 'एटम बॉम्ब'
जिसका दूसरा नाम है - बचाओ ! ब... चा... ओ !! भ्रूण हत्या महापाप !! जी, हां! यह कोई आपके शहर में पहली बार आने वाली फिल्म का विज्ञापन या खुश खबरी (?) नहीं है । यह परिचय है उस पुस्तक का, जिसका प्रत्येक शब्द आग का गोला हैं ... ! बारूद का गोला है... !! एटम बम है... !!
इस किताब को पढ़ते ही चौंक उठेंगे वे डाक्टर्स, जिन्होंने भ्रूण हत्या करने के लिये छुरी - चाकू हाथों में उठा रखी हैं। चौंक उठेंगी वे नर्स... जो भ्रूण हत्या में सहायक बनने चली है ।
'एबोर्शन केन्द्र बनाम हत्या केन्द्र'
'गर्भ बोला... ओय माँ ! मैं मर गया...!'
ये शब्द नहीं, वेदना से भरी चित्कार है, धरती माँ की अवगति की पुकार है । यह बात पूर्णतः सत्य है कि गर्भपात ने एक नहीं, राम कृष्ण और सती सावित्री जैसी अनेक दिव्य विभूतियों का गर्भ में ही हनन कर दिया । टी.वी. के महाभारत सीरियल को देखकर जब नेताजी ने पूछा कि यह ' यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत...' वाला श्लोक कुछ वक्त रखता है या यूं ही एक स्टंट है ?
हाजिर जवाब गोपीचन्द सेठ को सदा की तरह आज भी जवाब मिल ही गया, बोले ' अरे साहब ! यह स्टंट - बंट नहीं... सौ फीसदी सच बात है । काश्मीर के एक महान् योगीजी को श्रीकृष्ण ने स्वप्न में आकर इस प्रश्न का उत्तर दिया कि मैं हर वक्त अवतार लेने की तैयारी करता हूं मगर गर्भ में ही मेरी हत्या कर दी जाती है ।' उफ् !!
- पंन्यास रश्मिरत्नविजय
बचाओ ... बचाओ... !!
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