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अन्य पुरुष बहुवचन 3/2 . 14. अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं
में भविष्यत्काल के अर्थ में विकल्प से 'स' प्रत्यय जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन का 'हिं' प्रत्यय जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+स+हिं) = हसिसहि/हसेसहिं = (वे दोनों/वे सब) हँसेंगे/हँसेंगी।
_(भ.अ.पु.बहु.) (ठा+स+हिं) = ठासहिं = (वे दोनों/वे सब) ठहरेंगे/ठहरेंगी।(भ.अ.पु.बहु.) (हो+स+हिं) = होसहिं = (वे दोनों/वे सब) होंगे/होंगी। (भ.अ.पु.बहु.) इसके अतिरिक्त भविष्यत्काल के अर्थ में प्राकृत भाषा के अनुसार उपर्युक्त क्रियाओं में 'हि' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् प्राकृत भाषा के अनुसार वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन के 'न्ति, न्ते और इरे' प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं और
अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसे(क) (हस+हि+न्ति) हसिहिन्ति/हसेहिन्ति (वे दोनों/वे सब) हँसेंगे/हँसेंगी।
(भ.अ.पु.बहु.) (ठा+हि+न्ति) = ठाहिन्ति = (वे दोनों/वे सब) ठहरेंगे/ठहरेंगी।(भ.अ.पु.बहु.)
(हो+हि+न्ति) = होहिन्ति = (वे दोनों/वे सब) होंगे/होंगी। (भ.अ.पु.बहु.) (ख) (हस+हि+न्ते) हसिहिन्ते/हसेहिन्ते= (वे दोनों/वे सब) हँसेंगे/हँसेंगी।
(भ.अ.पु.बहु.) (ठा+हि+न्ते) = ठाहिन्ते = (वे दोनों/वे सब) ठहरेंगे/ठहरेंगी।(भ.अ.पु.बहु .) (हो+हि+न्ते) = होहिन्ते = (वे दोनों/वे सब) होंगे/होंगी। (भ.अ.पु.बहु.)
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अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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