________________
इसके अतिरिक्त भविष्यत्काल के अर्थ में उपर्युक्त क्रियाओं में प्राकृत भाषा के अनुसार 'हि' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन के 'इ, ए, दि और दें' प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में केवल 'इ और दि' प्रत्यय ही क्रियाओं में जोड़े जाते हैं ‘ए और दें' प्रत्यय नहीं। जैसे(हस+हि+इ) = हसिहिइ/हसेहिइ = (वह) हँसेगा/हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+हि+ए) = हसिहिए/हसेहिए = (वह) हँसेगा/हंसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+हि+दि) हसिहिदि/हसेहिदि = (वह) हँसेगा/हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+हि+दे) = हसिहिदे/हसेहिदे = (वह) हँसेगा/हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (ठा+हि+इ) = ठाहिइ = (वह) ठहरेगा/ठहरेगी। (भ.अ.पु.एक.) (ठा+हि+दि) = ठाहिदि = (वह) ठहरेगा/ठहरेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हो+हि+इ) = होहिइ = (वह) होवेगा/होवेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हो+हि+दि) = होहिदि = (वह) होवेगा/होवेगी। (भ.अ.पु.एक.) इनके अतिरिक्त भविष्यत्काल के अर्थ में उपर्युक्त क्रियाओं में शौरसेनी भाषा के अनुसार 'स्सि' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन का 'दि' प्रत्यय भी . जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' हो जाता है। जैसे(हस+स्सि+दि) = हसिस्सिदि = (वह) हँसेगा/हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (ठा+स्सि+दि) = ठास्सिदि = (वह) ठहरेगा/ठहरेगी। (भ.अ.पु.एक.)
(हो+स्सि+दि) = होस्सिदि = (वह) होवेगा/होवेगी। (भ.अ.पु.एक.) ---
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
(51)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org