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पंचमी एकवचन 5/1 (क) अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - मह/मज्झु (पंचमी एकवचन)
षष्ठी एकवचन 6/1 (ख) अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - मह/मज्झु (षष्ठी एकवचन)
(क) पंचमी बहुवचन 5/2 (ख) षष्ठी बहुवचन 6/2 26. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम
के पंचमी विभक्ति बहुवचन तथा षष्ठी विभक्ति बहुवचन में अम्हहं' होता है।
पंचमी बहुवचन 5/2 (क) अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - अम्हहं (पंचमी बहुवचन)
षष्ठी बहुवचन 6/2 (ख) अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - अम्हहं (षष्ठी बहुवचन)
सप्तमी बहुवचन 7/2 27. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम
के सप्तमी विभक्ति बहुवचन में 'अम्हासु' होता है। . अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - अम्हासु (सप्तमी बहुवचन)
नोट- अपभ्रंश भाषा में शब्द-रचना-प्रवृत्ति कहीं-कहीं प्राकृत भाषा' के
अनुसार होती है और कहीं-कहीं पर शौरसेनी भाषा के मान भी होती
1.
हेमचन्द्र वृत्ति 4/329
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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