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________________ प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी (102) एकवचन इमु ( यह, इसने ) इमु (इसे, इसको) इमे इमेणं, इ (इससे, इसके द्वारा) इम, *इमा, इमसु, “इमासु, इमहो, "इमाहो, इमस्सु (इसके लिए) (इसका, इसकी, इमहां, "इमाहां, (इस. से) इमहिं, इमाहिं (इसमें, इस पर ) एकवचन इमा, इम ( यह, इसने ) नपुंसकलिंग - इम (यह ) इमा, *इम (इसे, इसको ) Jain Education International इसके) स्त्रीलिंग इमाए, "इमए (इससे, इसके द्वारा) इमा, "इम, इमाहे,इमहे (इसके लिए) (इसका, इसकी, इसके) इमा, (इस से) इमाहिं, "इमहिं (इसमें, इस पर ) - इमा (यह ) बहुवचन इम, "इमा, इमई, "इमाई ( ये, इन्होंने) For Personal & Private Use Only इम, "इमा, इमई, "इमाइं (इन्हें, इनको) इमहिं, "इमाहिं, इमेहिं (इनसे, इनके द्वारा ) इम, "इमा, इमहं, "इमाहं. (इनके लिए) (इनका, इनकी, इनके) इमहुं, “इमाहुं (इन से) इमहिं, "इमाहिं (इनमें, इन पर ) बहुवचन इमा, "इम, इमाउ, "इमउ, इमाओ, "इओ ( ये, इन्होंने) इमा, "इम, इमाउ, "इमउ, माओ, इओ (इन्हें, इनको) इमाहिं, "इहिं (इनसे, इनके द्वारा) इमा, "इम, इमाहु, "इमहु (इनके लिए) (इनका, इनकी, इनके) इमाहु, "हु (इन से) इमाहिं, "इमहिं (इनमें, इन पर ) अपभ्रंश - हिन्दी-व्याकरण www.jainelibrary.org
SR No.004214
Book TitleApbhramsa Hindi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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