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नपुंसकलिंग के रूप में और नपुंसकलिंग वाले शब्द को स्त्रीलिंग के रूप में प्रयुक्त कर दिया जाता है। जैसेगयकुम्भई दारन्तु = हाथियों के गण्डस्थलों को चीरते हुए यहाँ कुम्भ' शब्द पुल्लिंग है उसे नपुंसकलिंग के रूप में व्यक्त किया गया है। अब्भा लग्गा डुङ्गरिहिं = पर्वतों के शिखरों पर लगे हुए यहाँ 'अब्भ' शब्द नपुंसकलिंग है उसे पुल्लिंग के रूप में व्यक्त किया गया है। पुणु डालई मोडन्ति = फिर डालियों को तोड़ते हैं-मरोड़ते हैं यहाँ ‘डाली' शब्द स्त्रीलिंग है उसे नपुंसकलिंग के रूप में व्यक्त किया गया है। पाइ विलग्गी अन्त्रडी = आन्तड़ियाँ पैरों तक लटकी हुई है यहाँ ‘अन्त्र' शब्द नपुंसकलिंग है उसे स्त्रीलिंग के रूप में व्यक्त किया गया है।
10. अपभ्रंश भाषा में शौरसेनी प्राकृत का भी प्रयोग होता है। जैसे
निव्वुदि = निवृत्ति विणिम्मविदु = स्थापित किया हुआ किदु = किया हुआ रदिए = रति के विहिदु = किया गया
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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