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________________ སྠཽ ༀ ། རྞྞ སྠཽ ༣ མ ཙ བྷཱ ཤྲཱ ཚཱ བྷཱ ཝཿ ལཿ མཱ གྷ བྷྲ བཿ པླ བཱ ཙྪཱ སྠཽ སྠཽ ཤྲཱ རཱ སྠཽ ཊཿ སྥ ཤྲཱ ཚཱ ཤྲཱ རཱ མ སྭཱ ཡྻ कहं मरणसमयहो नाणु नत्थ 4. 140 (पुट्ठ) भूकृ 1/1 अनि अव्यय अव्यय (गेह) 7/1 (बाला) 3/1 Jain Education International अव्यय (झ) 1 / 1 (क) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (for) 1/1 (कह) व 3 / 1 सक (ता) 1 / 1 सवि (बाला) 1 / 1 अव्यय ( कुसल कुसला) 1 / 1 वि (ता) 3 / 1 स (अम्ह) 6/1 स अव्यय (परिक्खा ) 1/1 (क) भूकृ 1 / 1 अनि (ता) 3 / 1 स (अम्ह) 1/1 स (वृत्त) भूकृ 1 / 1 अनि (समय) 12/1 अव्यय अव्यय (निम्गअ) भूकृ 1 / 1 अनि (अस) व 2 / 1 अक (अम्ह) 3/1 स (उत्तर) 1 / 1 (दिण्ण) भूक 1/1 अनि (समय) 6 / 1 [ ( मरण) - (समय) 6 / 1] (नाण) 1/1 [(न)+(अत्थि)] न (अव्यय) अत्थि (अस) व 3 / 1 सक बिना के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। - पूछा गया किसी भी घर में बाला के साथ वार्ता की गई. For Personal & Private Use Only क्या मुणि (ने) कहता है (कहा वह बाला अत्यन्त कुशल (है) उसके द्वारा मेरी भी परीक्षा की गई उसके द्वारा कहा गया समय के बिना कैसे निकले हो मरे द्वारा उत्तर दिया गया समय का मरण समय का ज्ञान नहीं अपभ्रंश अभ्यास उत्तर पुस्तक www.jainelibrary.org
SR No.004213
Book TitleApbhramsa Abhyas Uttar Pustak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2011
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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