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पुठु
ताए
पिये
पणवीसवासहिं
अहिं
वि
पंचवासा
उत्ता
एवं
सासू
छम्मासा
कहिया
मुणिएं
ससुरो
पुच्छिउ
सो
अहुणा
न
उप्पण्णु
अत्थि
त्ति
सद्दा
भणिया
5.
एवं
बहू
साहु
वट्टा
अंतट्ठिएं
ससुरें
सुआ
द्धभिक्खे
गए
सो
अईव
कोहलु
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(पुट्ठ) भूकृ 1/1 अनि
(ता) 3 / 1 स
(पिय) 7/1
[(पणवीस ) - (वास) 7/2]
(जाअ) भूक 7/2 अनि
अव्यय
[(पंच)-(वास) 1/2]
(उत्त) भूक 1/2 अनि
अव्यय
(सासू) 6/1
( छम्मास ) 1/2
( कह ) भूक 1/2 अनि
(मुणि) 3 / 1
(ससुर) 4/1
(पुच्छ) भूकृ 1 / 1
(त) 1 / 1 स
अव्यय
अव्यय
(उप्पण्ण) भूक 1 / 1 अनि
(अस) व 3 / 1 अक
अव्यय
(सद्द) 1/2
(भण) भूक 1/2
(साहु) 7/1
(गअ) भूक 7/1 अनि
(त) 1 / 1 स
अव्यय
[(कोह) - (आउल 1 / 1]
पूछा गया उसके द्वारा
प्रिय के
पच्चीस वर्ष
होने पर
भी
पाँच वर्ष
कहे गए
इस प्रकार
सा
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छः मास
कहे गए
द्वारा
ससुर के लिए (वह)
पूछी गई
वह
अभी
नहीं
उत्पन्न
हुआ है,
इस प्रकार
अव्यय
(बहू) 6/1
(साहु) 6/1
(वा) 1/1
[(अंत) - (ट्ठिअ) भूकृ 3 / 1 अनि ] भीतर बैठे हुए (ससुर) 3/1
ससुर के द्वारा सुनी गई
(सुअ) भूकृ 1/1 अनि
[(लद्ध) भूकृ अनि - ( भिक्ख ) 7 / 1] भिक्षा को प्राप्त
शब्द
कहे गए
इस प्रकार
बहू की (और)
साधु की
वार्ता
साधु के
चले जाने पर
वह
अत्यन्त
क्रोध से व्याकुल
अपभ्रंश अभ्यास उत्तर पुस्तक
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