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सो (1/1) सज्झायि/सज्झाये (5/177/1) पमायइ/पमायेइ/पमायए। नियम 10- पंचमी के स्थान में कभी-कभी कहीं-कहीं तृतीया और सप्तमी विभक्ति पाई जाती है। कोहहे/कोहाहे/कोहहु/कोहाहु (5/1) मोह/मोहा/मोहु/मोहो (1/1) उप्पज्जइ/उप्पज्जेइ/उप्पज्जए अथवा पभवइ/पभवेइ/पभवए। नियम 8- उप्पज्ज (उत्पन्न होना), पभव (उत्पन्न होना) क्रिया के योग में पंचमी विभक्ति होती है। हिंसाहे/हिंसहे (5/1) अहिंसा/अहिंस (1/1) गुरुअरा (वि. 1/1)
अत्थि । नियम 9- जिससे किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना की जाए, उसमें : पंचमी विभक्ति होती है। सो (1/1) णाण-गुणेण/णाण-गुणेणं/णाण-गुणे (5/1-23/1) विहीण/विहीणा/विहिणु/विहिणो (वि. 1/1) अत्थि। नियम 10- पंचमी के स्थान में कभी-कभी कहीं-कहीं तृतीया और सप्तमी विभक्ति पाई जाती है। सो (1/1) भावहे/भावाहे/भावहु/भावाहु (5/1) विरत्त/विरत्ता/ विरत्तु/विरत्तो (वि.1/1) हवइ/हवेइ/हवए। नियम 7 - दुगुच्छ (घृणा), विरम (हटना) और पमाय (भूल, असावधानी) तथा इनके समानार्थक शब्दों या क्रियाओं के साथ पंचमी होती है। धम्महे/धम्माहे/धम्महु/धम्माहु (5/1) विणा जीवण/जीवणा/जीवणु (1/1) असार/असारा/असारु अथवा णिरत्थ/णिरत्था/णिरत्थु (वि.1/1) अत्थि। नियम 11- 'विणा' के योग में पंचमी विभक्ति भी होती है।
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अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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