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जीवाजीव (जीव और अजीव)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) भव-तणु-भोय-विरत्त-मणु (संसार, शरीर और भोगों से उदासीन हुआ मन)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) देहादेवलि (देहरूपी मंदिर में)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) अणाइ-अणंतु (अनादि-अनंत)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) .. केवल-णाण-फुरंत-तणु (केवलज्ञान से चमकता हुआ शरीर) .
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास)
. पाठ 16-पाहुडदोहा अप्पायत्तउ (स्वयं के अधीन)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) विसयसुह (विषय से (उत्पन्न) सुख)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) सासयसुहु (अविनाशी सुख)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) णिच्चलठियई (अचलायमान और दृढ़ होने पर)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) सुमिट्टाहार (सुमधुर आहार)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) दुज्जणउवयार (दुर्जन के प्रति किया गया उपकार)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) गुणसारा (गुणों की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कम्मविणिम्मिय (कर्मों से रचित) ___नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास)
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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