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गिरि-गुह-वारि (पर्वत की गुफा के दरवाजे पर)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कर-चलणइं (हाथ और पैर)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) दहदिसि (दसों दिशाओं में)
नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) कमलवत्त (कमल के समान मुखवाले) . नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुब्रीहि समास) चलण-कर (पैर और हाथ)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) सग्गवासि (स्वर्ग का वासी)
· नियम 2- छट्टी विभत्ति तप्पुरिस (षष्ठी तत्पुरुष). सोक्खरासि (सुख की खान)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) णियगुरु-चरणारविंद (निज गुरु के चरणरूपी कमलों को)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) मोहाउर (मोह से पीड़ित)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) जिणवयणु (जिणवचन को)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) देवपुज्जु (देवों द्वारा पूज्य)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) कर-चरण (हाथ और पैर)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) गुह-अब्भंतरि (गुफा के भीतर)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) चिरकह (पुरानी कथा) -
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास)
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अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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