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पाठ 11-सुदंसणचरिउ अमरिंदघरु (इन्द्र का घर)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) पवरंबुणिही (उत्तम समुद्र)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) वरसुद्धमई (उत्तम शुद्धमति)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) सुरवंदणीउ (देवताओं द्वारा वंदनीय)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) कलिमलु (पाप (रूपी) मल को)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) गुणमणिणिकेउ (गुण (रूपी) मणियों का घर)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) मोक्खलाह (मोक्ष के लाभ को)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कमलिणिदले (कमलिनी के पत्ते पर)
. नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) दुट्ठपाविट्ठपोरत्थगणु (दुष्ट, अत्यन्त पापी, ईर्ष्यालु वर्ग)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) पणट्ठाईसो (काम नष्ट कर दिया गया है) .. नियम 3- बहुव्वीहि समास (बहुव्रीहि समास) जईसो (शक्तिसंपन्न यति)
. नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) - सज्जणकामिणिसोत्तहिरामो (सज्जन और कामिनियों के कानों के लिए मनोहर)
नियम 2- चउत्थी विभत्ति तप्पुरिस समास (चतुर्थी तत्पुरुष समास) सोहणमासे (शुभ-मास में) - नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास)
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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