________________
पाठ 6-महापुराण पयराईवई (चरण (रूपी) कमलों को) ।
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) केसरिकंधर (सिंह के समान गर्दनवाले)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) णिवकुमारवासं (राजपुत्रों के घर) ।
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) सामिसालतणुरुह (स्वामी के श्रेष्ठ पुत्रों को)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कुमारगणु (कुमारगण)
__ नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कयंतवासु (यम का फंदा)
___ नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) जम्मजरामरणइं (जन्म, जरा और मरण)
नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास) , चउगइदुक्खु (चारगति के दुःख को)
नियम 2 - छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) वक्कलणिवसणु (वृक्ष की छाल का वस्त्र)
नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) वणहलभोयणु (जंगल के फलों का भोजन) .
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) अहिमाणविहंडणु (स्वाभिमान का खण्डन)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) कोद्दवछत्तहं (कोदों के खेत की)
नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) तिलखलु (तिलों की खल को)
___ नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास)
18
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org