________________
लक्खण-रामेहिं ( राम और लक्ष्मण द्वारा )
अद्धयन्द - बिम्बाई (अर्द्धचन्द्र के प्रतिबिम्ब )
नियम 1 - दंद समास ( द्वन्द्व समास )
दीह-विसालई (लम्बे और चौडे)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास )
दट्ठोट्टई (दाँतों से काटे गये होठ )
नियम 1 - दंद समास ( द्वन्द्व समास )
जीव - दया - परिचत्तउ ( जीव की दया छोड दी गई ) नियम 2गोग्गहे (गाय के संरक्षण में)
नियम 2छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ). मित्त - परिग्गहे (मित्र की सहायता में )
नियम 2छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) महिस- विस- मेसहिं (महिस, वृष और मेष के द्वारा) नियम 1- दंद समास ( द्वन्द्व समास )
16
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास )
Jain Education International
अविणय - थाणें (दोष के घर)
नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) सउणाहारें (पक्षियों के ( प्रिय) भोजन )
नियम 2
छट्ठी विभत्ति तप्पुरिसं समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) मण - तुरउ (मनरूपी घोड़ा)
नियम 2.1- कम्मधारय समास ( कर्मधारय समास )
छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास )
हरिवंसुप्पण्णी (हरिवंश में उत्पन्न )
पाठ 5 - पउमचरिउ
नियम 2
वय - गुण - संपण्णी ( व्रत और गुण से युक्त)
सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास )
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास )
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद - अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org