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हंसावलि = हंस+आवलि (हंस की पंक्ति)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ।
पाठ 9-जम्बूसामिचरिउ जाणाविउ = जाण+आविउ (बतलाया गया)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ। एक्केक्कउ = एक्क+एक्कउ (एक-एक)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (ख) ए, ओ से पहले अ, आ का
लोप हो जाता है। निसागमि = निसा+आगमि (रात्रि आने पर)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) आ+आ = आ।
पाठ 10-सुदंसणचरिउ सप्पाइ = सप्प+आइ (सर्प आदि)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ। : जम्मंतर = जम्म+अंतर (जन्म के समय)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। णरयण्णवे = णरय+अण्णवे (नरकरूपी समुद्र में)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व . स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। दिव्वाहरण = दिव्व+आहरण (सुन्दर आभूषण) .....नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ। मलयायले = मलय+अयले (मलय पर्वत से)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+अ = आ। धम्मोवएसु = धम्म+उवएसु (धर्म के उपदेश)
नियम 2- असमान स्वर सन्धिः (ख) अ+उ = ओ।
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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