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जेणेह = जेण+इह (जिसके द्वारा यहाँ)
नियम 2- असमान स्वर सन्धिः (क) अ+ई = ए। ..
पाठ 7-महापुराण कालाणलु = काल+अणलु (कालरूपी अग्नि) .
... नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+अ = आ। . परमुण्णइ = परम+उण्णइ (परम उन्नति)
- नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व ___स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। तुहुप्परि = तुह+उप्परि (तुम्हारे ऊपर)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। रणंगणि = रण+अंगणि (रण के आंगन में)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। .. बाणावलि = बाण+आवलि (बाणों की पंक्ति)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ आ = आ।
पाठ 8-महापुराण महुरक्खरेहि = महुर+अक्खरेहिं (मधुर शब्दों से)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। रामाहिराम = रामा+अहिराम (स्त्रियों के लिए आकर्षक)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) आ+अ = आ। मेल्लिवि = मेल्ल+इवि (छोड़कर)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है।
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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