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संसारासारदसणेण = संसार+असारदसणेण (संसार में असार के दर्शन से)
नियम-1 समान स्वर सन्धिः (क) अ+अ = आ। सव्वण्णुधम्माराहगो = सव्वण्णुधम्म+आराहगो (सर्वज्ञ के धर्म का आराधक)
नियम-1 समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ।
पाठ 11-कस्सेसा भज्जा कस्सेसा = कस्स+एसा (यह किसकी)
. नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर पूर्व ..
स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। गंगाभिहाणा = गंगा+अभिहाणा (गंगा नामवाली)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) आ+अ = आ। सीलाइगुणालंकिया = सील+आइ+गुण+अलंकिया (शीलादि गुणों से अलंकृत)
नियम 1- समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ तथा अ+अ =
आ।
तत्थेव = तत्थ+एव (वहाँ ही)
नियम 4- लोप-विधान सन्धिः (क) स्वर के बाद स्वर होने पर
पूर्व स्वर का लोप विकल्प से हो जाता है। एगमन्नपिंडं = एगं+अन्न+पिंडं (एक अन्य पिंड को) .
नियम 6- अनुस्वार विधानः (ii) यदि पद के अन्तिम ‘म्' के
पश्चात् स्वर आवे तो उसका विकल्प से अनुस्वार होता है। कत्थवि = कत्थ+अवि (कहीं भी)
नियम 7- अव्यय-सन्धिः (i) किसी भी पद के बाद आये हुए
अपि/अवि अव्यय के 'अ' का विकल्प से लोप होता है। अणेगदेवयापूयादाणमंतजवाइं = अणेगदेवयापूयादाणमंतजव+आई
(अनेक देवताओं की पूजा, दान, मंत्र, जप आदि)
नियम-1 समान स्वर सन्धिः (क) अ+आ = आ। अहमवि = अहं+अवि (मैं भी)
नियम 6- अनुस्वार विधानः (ii) यदि पद के अन्तिम 'म्' के पश्चात् स्वर आवे तो उसका विकल्प से अनुस्वार होता है।
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प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक
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