________________
13. कामलेखा छंद
लक्षण- इसमें दो चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 27 मात्राएँ होती हैं।
उदाहरण
||| ऽ । 11 ऽ ।
गयवर - तुरय - जोह रह - सीह
-
-
|| ऽ।। । ऽ।
||
||
TT
रण तूरइँ हयाइँ किउ कलयलु भिडियइँ
भिडियइँ
-
। ऽ।
। ऽ । ऽ ऽ
विमाण - पवाहणाइं।
अर्थ - उत्तम हाथी, अश्व, योद्धा, रथ, सिंह, विमान और दूसरे वाहन चल पड़े । युद्ध के नगाड़े बज उठे। कोलाहल होने लगा । सेनाएँ आपस में भिड़ गयीं।
14. दुवई छंद
लक्षण- इसमें दो चरण होते हैं (सम द्विपदी ) । प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती हैं और चरण के अन्त में लघु ( 1 ) व गुरु (5) होता है।
उदाहरण
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ (छंद एवं अलंकार)
SISS
साहणाइं ।
पउमचरिउ 66.1.1
|| ऽ ।।
1
ऽ । ऽ । I । ऽ। । ऽ।
ऽ । ऽ
हिय एत्त वि सीय एत्तहें वि विओउ महन्तु राहवे ।
Jain Education International
।।। ऽ।ऽ
।। ऽ।। │││ ऽ ।। I । ऽ।। हरि एत्त वि भिडिउ एत्त हे वि विराहिउ मिलिउ आहवे । पउमचरिउ 40.2.1
अर्थ- यहाँ सीता का अपहरण कर लिया गया और यहाँ राम को महान वियोग हुआ । यहाँ लक्ष्मण युद्ध में भिड़ गया और यहाँ युद्ध से विराधित मिला।
For Personal & Private Use Only
(47)
www.jainelibrary.org