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अर्थ- उसी समय एक चमक (घबराहट) मन में धारण करके खेत का रखवाला उसके सम्मुख आ पहुंचा। 24. मौक्तिकदाम छन्द लक्षण- इसमें चार चरण होते हैं (चतुष्पदी)। प्रत्येक चरण में चार जगण (ISI + ISI + ISI + ISI) व 12 वर्ण होते हैं। उदाहरणजगण जगण जगण जगण ।5।। 5।।5।। ।। सुदुद्धरु अंजणपव्वय काउ . 1234 5678910 1112 जगण जगण जगण जगण. ।5।।5।। ।। ।। दिसाकरितासणु मेहणिणाउ। 123456789101112 जगण. जगण जगण जगण । । । । । । । । सदप्पु वि वेज्झु ण देइ करिंदु 123 4 5 6 7 89 101112 जगण . . जगण जगण जगण 151 151 151 151 मणम्मि भरंतह. देउ जिणिंदु। 1234567 8 9 101112
सुदंसणचरिउ 8.44.1 अर्थ- अति दुर्द्धर, अंजनपर्वत के समान कृष्णकाय, दिग्गजों को भी त्रासदायी,
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ (छंद एवं अलंकार)
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