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और मिल (70-71), कान्ट (71-72), सद्गुणसोफिस्ट, सुकरात, प्लेटो और अरस्तु (72-73), सद्गुणों का वर्गीकरण - (1) व्यक्तिगत गुण, (2) सामाजिक गुण, (3) आध्यात्मिक गुण (73-75)। जैन आचार और वर्तमान समस्याएँ 76-84 व्यक्ति और समाज (76-78), राज्य की धारणा और उसके कार्य (78-79), राज्य के सद्गुण (80-84)। सारांश .
85-94 सन्दर्भ-ग्रन्थ-सूची
95-99
10.
1.
खण्ड - 1 (प्रकाशित) जैन आचार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि : जैन आचार का तात्त्विक आधार ___ सम्यग्दर्शन और सात तत्त्व . गृहस्थ का आचार
5. . 6.
खण्ड - 2 (प्रकाशित) मुनि का आचार जैन आचार का रहस्यात्मक महत्त्व
(VII)
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