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(कोक+हि+दे) कोकिहिदे/कोकेहिदे बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.) (ख) (कोक+स्स+इ)=कोकिस्सइ/कोकेस्सइ-बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.)
(कोक+स्स+ए) = कोकिस्सए/कोकेस्सए = बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.) (कोक+स्स+दि) = कोकिस्सदि/कोकेस्सदे = बुलायाजायेगा। (भवि.अ.पु.एक.)
(कोक+स्स+दे) कोकिस्सदे/कोकेस्सदे=बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.) (ग) (कोक+स्सि+दि) = कोकिस्सिदि = बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.)
(कोक+स्सि+दे) = कोकिस्सिदे = बुलाया जायेगा। (भवि.अ.पु.एक.) नोटः इस प्रकार उत्तम पुरुष व मध्यम पुरुष का प्रयोग एकवचन व बहुवचन में तथा अन्य पुरुष का प्रयोग बहुवचन में किया जा सकता है।
कृदन्तों का कर्मवाच्य में प्रयोग-नियम भूतकालिक कृदन्त का कर्मवाच्य में प्रयोग-नियम जब क्रिया सकर्मक होती है तो भूतकालिक कृदन्त का प्रयोग कर्मवाच्य में किया जाता है। कर्ता में तृतीया विभक्ति (एकवचन अथवा बहुवचन) होगी। कर्म में प्रथमा विभक्ति (एकवचन अथवा बहुवचन) होगी। कृदन्त के रूप (प्रथमा में परिवर्तित) कर्म के लिंग और वचन के अनुसार
चलेंगे। जैसे. (क) कोकिओ = बुलाया गया। (पुल्लिंग एकवचन)
कोकिआ = बुलाये गये। (पुल्लिंग बहुवचन) (ख) पेच्छिअं = देखा गया। (नपुंसकलिंग एकवचन)
- पेच्छिआइं/पेच्छिआईं/पेच्छिआणि = देखे गये। (नपुंसकलिंग बहुवचन) (ग) सुणिआ = सुनी गयी। (स्त्रीलिंग एकवचन) सुणिआ/सुणिआउ/सुणिआओ = सुनी गयी। (स्त्रीलिंग बहुवचन)
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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