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अन्य रूप - ठामि (ठा+ज्ज, ज्जा) = ठज्ज, ठज्जा = (मैं) ठहरूंगा/ठहरूँगी। (भवि.उ.पु.एक.) अन्य रूप - ठाहिमि, ठास्सामि, ठास्सिमि, ठाहामि, ठास्सं (ठा+ज्ज, ज्जा) = ठज्ज, ठज्जा = (मैं) ठहरूँ। (विधि.उ.पु.एक.) अन्य रूप - ठामु (हो+ज्ज, ज्जा) = होज्ज, होज्जा = (मैं) होता हूँ/होती हूँ (व.उ.पु.एक.)
अन्य रूप - होमि (हो+ज्ज, ज्जा) = होज्ज, होज्जा = (मैं) होऊँगा/होऊँगी। (भवि.उ.पु.एक.)
अन्य रूप - होहिमि, होस्सामि, होस्सिमि, होहामि, होस्सं (हो+ज्ज, ज्जा) = होज्ज, होज्जा = (मैं) होऊँ। (विधि.उ.पु.एक.)
अन्य रूप - होमु (प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है)।
पुरुष
अकारान्त क्रिया (हस)
वर्तमानकाल एकवचन
बहुवचन हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा
उत्तम मध्यम अन्य
पुरुष .. उत्तम
मध्यम __ अन्य
भविष्यत्काल एकवचन
बहुवचन हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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