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(हस+एज्जा) = हसेज्जा = (वे दोनों/वे सब) हँसें। (विधि.अ.पु.बहु.) (ठा+एज्जा) = ठाएज्जा = (वे दोनों/वे सब) ठहरें। (विधि.अ.पु.बहु) (हो+एज्जा) = होज्जा = (वे दोनों/वे सब) होवें। (विधि.अ.पु.बहु) (प्राकृत के नियमानुसार ओकारान्त तथा एकारान्त आदि क्रियाओं में एज्जा का 'ए' हटा दिया जाता है)। .
34.
प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के विधि एवं आज्ञा के उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष व अन्य पुरुष एकवचन व बहुवचन में विकल्प से 'ज्ज' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है। ‘ज्ज' प्रत्यय जोड़ने के बाद विकल्प से 'ई' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+ज्ज+इ) = हसेज्जइ = (मैं) हतूं। (विधि.उ.पु.एक.)
अन्य रूप - हसमु, हसेमु, हसेज्ज, हसेज्जा (ठा+ज्ज+इ) = ठाज्जइ-ठज्जइ = (मैं) ठहरूँ। (विधि.उ.पु.एक.) . : अन्य रूप - ठामु, ठज्ज, ठज्जा (हो+ज्ज+इ) = होज्जइ = (मैं) होऊँ। (विधि.उ.पु.एक.)
अन्य रूप - होमु, होज्ज, होज्जा (प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है)।
पुरुष उत्तम 'मध्यम ... अन्य
अकारान्त क्रिया विधि एवं आज्ञा (हस) एकवचन
बहुवचन हसेज्जइ
हसेज्जइ हसेज्जइ
हसेज्जइ हसेज्जइ
हसेज्जइ
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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