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उत्तम पुरुष बहुवचन 1/2 (हस+इत्था, इंसु) = हसित्था, हसिंसु = (हम दोनों/हम सब) हँसे/हँसी।
(भू.उ.पु.बहु.) मध्यम पुरुष एकवचन 2/1 (हस+इत्था, इंसु) = हसित्था, हसिंसु = (तुम) हँसे/हँसी। (भू.म.पु.एक.)
___मध्यम पुरुष बहुवचन 2/2 . (हस+इत्था, इंसु) = हसित्था, हसिंसु = (तुम दोनों/तुम सब) हँसे/हँसी।
. (भू.म.पु.बहु.) अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (हस+इत्था, इंसु) = हसित्था, हसिसु = (वह) हँसा/हँसी। (भू.अ.पु.एक.)
अन्य पुरुष बहुवचन 3/2 (हस+इत्था, इंसु) = हसित्था, हसिंसु = (वे दोनों/वे सब) हँसे/हँसी।
- (भू.अ.पु.बहु.)
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उत्तम पुरुष 1/1, मध्यम पुरुष 2/1, अन्य पुरुष 3/1 (एकवचन)
उत्तम पुरुष 1/2, मध्यम पुरुष 2/2, अन्य पुरुष 3/2 (बहुवचन) 12.(क) प्राकृत भाषा में आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में भूतकाल के
उत्तम पुरुष एकवचन व बहुवचन, मध्यम पुरुष एकवचन व बहुवचन, अन्य पुरुष एकवचन व बहुवचन में 'सी', 'ही', 'हीअ' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। जैसे
उत्तम पुरुष एकवचन 1/1 (ठा+सी, ही, हीअ)=ठासी, ठाही, ठाहीअ= (मैं) ठहरा/ठहरी। (भू.उ.पु.एक.) (हो+सी, ही, हीअ)= होसी, होही, होहीअ = (मैं) हुआ/हुई। (भू.उ.पु.एक.)
उत्तम पुरुष बहुवचन 1/2_ (ठा+सी, ही, हीअ) = ठासी, ठाही, ठाहीअ = (हम दोनों/हम सब)
ठहरे/ठहरीं। (भू.उ.पु.बहु.) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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