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________________ (हस+ध) = हसध = (तुम दोनों/तुम सब) हँसते हो/हँसती हो। (व.म.पु.बहु.) (ठा+ध) = ठाध =(तुम दोनों/तुम सब)ठहरते हो/ठहरती हो। (व.म.पु.बहु.) (हो+ध) = होध = (तुम दोनों/तुम सब) होते हो/होती हो। (व.म.पु.बहु.) इसके अतिरिक्त वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'ध' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+ध) = हसेध = (तुम दोनों/तुम सब) हँसते हो/हँसती हो।(व.म.पुं.बहु.) अन्य रूप - हसध --------------- . अन्य पुरुष एकवचन 3/1 5. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त क्रियाओं के वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन में 'इ और ए' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। . . . (हस+इ, ए) = हसइ, हसए = (वह) हँसता है/हँसती है। (व.अ.पु.एक.) प्राकृत भाषा में आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन में 'ई' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। जैसे(ठा+इ) = ठाइ = (वह) ठहरता है/ठहरती है। (व.अ.पु.एक.) (हो+इ) = होइ = (वह) होता है/होती है। (व.अ.पु.एक.) इसके अतिरिक्त वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन में 'ई' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+इ)= हसेइ = (वह) हँसता है/हँसती है। (व.अ.पु.एक.) अन्य रूप - हसइ, हसए (ख) शौरसेनी प्राकृत में अकारान्त क्रियाओं के वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन में 'दि और दें' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। (हस+दि, दे) = हसदि, हसदे = (वह) हँसता है/हँसती है। (व.अ.पु.एक.) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004205
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2013
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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