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लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' भी हो जाता
(हस+सि) = हसेसि = (तुम) हँसते हो/हँसती हो। (व.म.पु.एक.) अन्य रूप - हससि, हससे
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मध्यम पुरुष बहुवचन 2/2 4. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के
वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'इत्था और ह' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। जैसे(हस+इत्था, ह) =हसित्था, हसह =(तुम दोनों/तुम सब) हँसते हो/हँसती हो।
(व.म.पु.बहु.) (ठा+इत्था, ह) = ठाइत्था, ठाह =(तुम दोनों/तुम सब)ठहरते हो/ठहरती हो।
(व.म.पु.बहु.) (हो+इत्था, ह) = होइत्था, होह = (तुम दोनों/तुम सब) होते हो/होती हो।
(व.म.पु.बहु.) इसके अतिरिक्त वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'इत्था' और 'ह' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' हो जाता है। जैसे- . . (हस+इत्था,ह) हसेइत्था, हसेह =(तुम दोनों/तुम सब) हँसते हो/हँसती हो।
(व.म.पु.बहु.). अन्य रूप - हसित्था, हसह
(ख) शौरसेनी प्राकृत में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के
. वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'ध' प्रत्यय क्रियाओं में लगता ... है। जैसे
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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