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________________ अकारान्त सर्वनाम (पु.) सप्तमी एकवचन 7/1 16. प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग इम सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति एकवचन में इम के म का विकल्प से ह हो जाता है। इम (यह) (पु.) इह (सप्तमी एकवचन) अन्य रूप - इमस्सिं, इमम्मि ------------------------------- अकारान्त सर्वनाम (पु.) द्वितीया एकवचन 2/1, द्वितीया बहुवचन 2/2, तृतीया एकवचन 3/1, तृतीया बहुवचन 3/2 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग इम सर्वनाम के द्वितीया विभक्ति एकवचन, द्वितीया विभक्ति बहुवचन, तृतीया विभक्ति एकवचन व तृतीया विभक्ति बहुवचन में विकल्प से इम का ण हो जाता है। 17. द्वितीया एकवचन 2/1 (i) प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग इम सर्वनाम के द्वितीया विभक्ति एकवचन में विकल्प से इम का ण हो जाता है और उसके पश्चात् 'अनुस्वार' (-) जोड़ा जाता है। जैसे इमण (यह) (पु.) (ण+) = णं (द्वितीया एकवचन) .... 'अन्य रूप- इमं, इणं (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार) द्वितीया बहुवचन 2/2 . (ii): प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग इम सर्वनाम के द्वितीया विभक्ति बहुवचन में विकल्प से इम का ण हो जाता है और उसके पश्चात् 'शून्य' (0) प्रत्यय जोड़ा जाता है और अन्त्य अ का आ और ए हो जाता है। जैसे प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) . (57) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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