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________________ 6. (42) हरि (पु.) (हरि हरी+दो, दु) = हरीदो, हरीदु (पंचमी बहुवचन) - गामणी (पु.) (गामणी + दो, दु) = गामणीदो, गामणीदु (पंचमी बहुवचन) साहु (पु.) (साहु + साहू+दो, दु) = साहूदो, साहूदु (पंचमी बहुवचन) सयंभू (पु.) (सयंभू+दो, दु) = सयंभूदो, सयंभूदु (पंचमी बहुवचन) - वारि (नपुं.) (वारि वारी+दो, दु) = वारीदो, वारीदु (पंचमी बहुवचन) महु ( नपुं.) (महु महू+दो, दु) = महूदो, महूदु (पंचमी बहुवचन) - कहा (स्त्री.) (कहा+दो, दु) = कहादो, कहादु (पंचमी बहुवचन) मइ (स्त्री.) (मइमई+दो, दु) = मईदो, मईदु (पंचमी बहुवचन) लच्छी (स्त्री.) (लच्छी+दो, दु) = लच्छीदो, लच्छीदु (पंचमी बहुवचन) धेणु (स्त्री.) (धेणु धेणू+दो, दु) = घेणूदो, धेणूद (पंचमी बहुवचन) ➡ बहू (स्त्री.) (बहू+दो, दु) = बहूदो, बहूदु (पंचमी बहुवचन) अकारान्त (पु., नपुं) सप्तमी एकवचन 7/1 - शौरसेनी भाषा में अकारान्त पुल्लिंग तथा नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'म्हि' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेदेव (पु.) (देव+म्हि) = देवम्हि (सप्तमी एकवचन) कमल (नपुं.) (कमल+म्हि ) = कमलम्हि (सप्तमी एकवचन ) इकारान्त - ईकारान्त, उकारान्त - ऊकारान्त (पु.) इकारान्त, उकारान्त (नपुं. ) सप्तमी एकवचन 7/1 शौरसेनी भाषा में इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग व इकारान्तउकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'म्हि ' Jain Education International - हिन्दी- व्याकरण (भाग - 1) प्राकृत For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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