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________________ 45. आकारान्त (स्त्री.) सप्तमी बहुवचन 7/2 प्राकृत भाषा में आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी बहुवचन में 'सु' और 'सु' प्रत्यय जोड़ा जाता है। कहा (स्त्री.) (कहा+सु, सुं) = कहासु , कहासुं (सप्तमी बहुवचन) अकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (पु.) अकारान्त, इकारान्त, उकारान्त (नपुं.) आकारान्त,इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (स्त्री.) सम्बोधन बहुवचन 8/2 प्राकृत भाषा में अकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग, अकारान्त, इकारान्त, उकारान्त नपुंसकलिंग, आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन बहुवचन में निम्न रूप बनते हैं। जैसेदेव (पु.) = हे देवा (संबोधन बहुवचन) 46. हरि (पु.) = हे हरउ, हे हरओ, हे हरिणो, हे हरी (संबोधन बहुवचन) गामणी (पु.) = हे गामणउ, हे गामणओ, हे गामणिणो, हे गामणी (संबोधन बहुवचन) साहु (पु.) = हे साहउ, हे साहओ, हे साहुणो, हे साहवो, हे साहू - (संबोधन बहुवचन) सयंभू (पु.) = हे सयंभउ, हे सयंभओ, हे सयंभुणो, हे सयंभवो, हे सयंभू (संबोधन बहुवचन) कमल (नपुं.) = हे कमलाई, हे कमलाइँ, हे कमलाणि (संबोधन बहुवचन) वारि (नपुं.) = हे वारीइं, हे वारी', हे वारीणि (संबोधन बहुवचन) महु (नपुं.) = हे महूहूं, हे महूइँ, हे महूणि (संबोधन बहुवचन) कहा (स्त्री.) = हे कहा, हे कहाउ, हे कहाओ (संबोधन बहुवचन) मई (स्त्री.) = हे मई, हे मईउ, मईओ (संबोधन बहुवचन) लच्छी (स्त्री.) = हे लच्छी, हे लच्छीउ, हे लच्छीओ, हे लच्छीआ (संबोधन बहुवचन) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) (29) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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