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________________ देव (पु.) (हे देव+ओ) = हे देवो (संबोधन एकवचन) . . देव (पु.) (हे देव+दीर्घ) = हे देवा (संबोधन एकवचन) अन्य रूप - हे देव प्राकृत भाषा में इकारान्त, उकारान्त पुल्लिंग व स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन एकवचन में 'दीर्घ' विकल्प से जोड़ा जाता है। जैसे . सम्बोधन एकवचन 8/1. हरि (पु.) (हे हरि+दीर्घ) = हे हरी (संबोधन एकवचन) अन्य रूप - हे हरि साहु (पु.) (हे साहु+दीर्घ) = हे साहू (संबोधन एकवचन) अन्य रूप - हे साहु मइ (स्त्री.) (हे मइ+दीर्घ) = हे मई (संबोधन एकवचन) , अन्य रूप - हे मइ घेणु (स्त्री.) (हे घेणु+दीर्घ) = हे घेणू (संबोधन एकवचन) अन्य रूप - हे घेणु ------------ --........... 36. आकारान्त (स्त्री.) सम्बोधन एकवचन 8/1 प्राकृत भाषा में आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन एकवचन में 'ए' प्रत्यय विकल्प से जोड़ा जाता है। जैसेकहा (स्त्री.) (हे कहा+ए) = हे कहे (संबोधन एकवचन) अन्य रूप - हे कहा ईकारान्त, ऊकारान्त (पु., स्त्री.) सम्बोधन एकवचन 8/1 37. प्राकृत भाषा में ईकारान्त व ऊकारान्त पुल्लिंग, स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन एकवचन में 'दीर्घ स्वर ह्रस्व' हो जाता है। जैसे (22) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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