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________________ अन्य रूप - गामणी, गामणिणो साहु (पु.) (साहु+अउ, अओ) = साहउ, साहओ (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - साहू, साहुणो, साहवो सयंभू (पु.) (सयंभू+अउ, अओ) = सयंभउ, सयंभओ (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - सयंभू, संयभुणो, सयंभवो - - - - - - - - - - - - - - - - - ---------------------- उकारान्त-ऊकारान्त (पु.) __ प्रथमा बहुवचन 1/2 15. प्राकृत भाषा में उ-ऊकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के प्रथमा विभक्ति बहुवचन में विकल्प से अवो' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेसाहु (पु.) (साहु+ अवो) = साहवो (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - साहू, साहउ, साहओ , साहुणो सयंभू (पु.) (सयंभू+अवो) = सयंभवो (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - सयंभू, सयंभउ, सयंभओ, सयंभुणो - 16. . इकारान्त-ईकारान्त, उकारान्त-ऊकारान्त (पु.) (क) प्रथमा बहुवचन 1/2 (ख) द्वितीया बहुवचन 2/2 प्राकृत भाषा में इ-ईकारान्त व उ-ऊकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के प्रथमा विभक्ति बहुवचन व द्वितीया विभक्ति बहुवचन में विकल्प से ‘णो' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। प्रत्यय जोड़ने के पूर्व शब्द का अंतिम दीर्घ स्वर . . ह्रस्व हो जाता है और ह्रस्व स्वर ह्रस्व ही रहता है। जैसे . प्रथमा बहुवचन 1/2 (क) हरि (पु.) (हरि+णो) = हरिणो (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - हरी, हरउ, हरओ गामणी (पु.) (गामणी+गामणि+णो) = गामणिणो (प्रथमा बहुवचन) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) . (9) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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