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________________ करने वाले शब्दछल में फँस कर इस संस्था का सदस्य न बनना ही हितावह है, अन्यथा हमारे धर्मों का स्वतंत्र अस्तित्व विनष्ट हुए बिना नहीं रहेगा। - पर्दे के पीछे एक विश्व र्म करने की जो तैयारियां चल रही हैं इसकी परिणति अब धर्माचार्यों की 'सहास्त्राब्दि विश्व-शांति परिषद में हो रही है, जिसका आयोजन अगस्त २००० में यूनाईटेड नेशन्स के तत्त्वाधान में होगा । इस विषय में टाईम्स ऑफ इंडिया में छपी दि. २६-५-२००० की संलग्न रिपोर्ट पढ़ें। दुनिया के सभी धर्मों को एक छत्र के नीचे लाने की बात इसमें कही गई है। छत्र का नाम गर्भित रखा गया है किंतु . षडयंत्र की तह तक पहुँचने वाले समझ ही जायेंगे कि यह छत्र वेटिकन का है। “समिट' की तैयारी जोरों पर है। पश्चिमी विश्व की सारी ताकतें इसके पीछे लगी हैं, किंतु बलि वेदी पर चंढ़ने वाले धर्म के धर्माचार्यों और धर्म का पालन-आचरण करने वालों को इस बात की कोई चिंता - चिंता तो बाद की बात है, शायद पूरी जानकारी और भयंकरता का अहसास भी नहीं है। धर्म क्षेत्र में आने वाले आमूलचूल परिवर्तन और विध्वंस की चेतावनी देने का यह नम्र प्रयास है और विनंती है धर्माचार्यों से कि वे जागें और इसे रोकें। Jain Education International (32) For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004203
Book TitleMananiya Lekho ka Sankalan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages56
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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