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निशीथ सूत्र
विसोहेत्ता पधोइत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपंतं वा साइज्जइ॥ ३७॥ . __जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिंदित्ता विच्छिंदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अब्भंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइज्जइ॥३८॥
जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिंदित्ता विच्छिंदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज्ज वा धूवेंतं वा पधूवेंतं वा साइज्जइ॥ ३९॥ ___ कठिन शब्दार्थ - गंडं - गंडमाला या कंठमाला, पलियं (पिलयं) - पिलक - पैरों पर हुआ फोड़ा - घाव, अरइयं - अरतिका - छोटी-छोटी फुन्सियाँ, असियं - अर्श - मस्सा या बवासीर, भगंदलं - भगन्दर, तिक्खणं - तीक्ष्ण - तेज धार युक्त, सत्थजाएणंशस्त्रजात से - औजार द्वारा, अच्छिंदेज - आच्छिन्न करे - शल्य क्रिया करे, एक बार काटे, विच्छिंदेज्ज - विच्छिन्न करे - शल्य क्रिया द्वारा अनेक बार काटे, पूर्व - पक्व, रुधिर - मवाद, सोणियं - शोणित - अपक्व रुधिर - खून, णीहरेन्ज - निर्हत करे - निकाले, विसोहेज्ज - विशोधित करे - विशेष रूप से शोधन करे - सफाई करे, आलेवणजाएणं - आलेपनजात - औषधि निर्मित लेप या मल्हम से, आलिंपेज - आलेपन करे - एक बार लगाए, विलिंपेज्ज - विलेपन करे - अनेक बार लगाए, पयोइत्ता - प्रधावित कर - धोकर, विलिंपित्ता - विलेपन कर, अब्भंगेज्ज- अभ्यंगन करे - एक बार .मसले, धूवणजाएणं - धूपजात - अग्नि में डाले हुए सुगन्धित पदार्थों से निष्पन्न धूप से निकलते हुए धुएँ द्वारा, धूवेज्ज - एक बार वासित करे - धूमित करे, पधूवेज्ज - अनेक बार वासित करे।
भावार्थ - ३४. जो भिक्षु अपने शरीर में उत्पन्न गंडमाला, पैरों का फोड़ा, छोटी-छोटी फुन्सियाँ, बवासीर या भगन्दर - इनका किसी तीक्ष्ण औजार द्वारा आच्छेदन या विच्छेदन करे, एक बार या अनेक बार शल्य क्रिया करे अथवा बैसा करते हुए का अनुमोदन करे, उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है।
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