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. निशीथ सूत्र
पाद - आमर्जन आदि का प्रायश्चित्त जे भिक्खू अप्पणो पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ॥ १६॥
जे भिक्खू अप्पणो पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहेंतं वा साइज्जइ॥ १७॥ - जे भिक्ख अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ॥ १८॥ ___जे भिक्खू अप्पणो पाए लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा पउमचुण्णेण वा, उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ॥ १९॥ __ जे भिक्खू अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा . उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ॥ २०॥ .
जे भिक्खू अप्पणो पाए फुमेज वा रएज वा फुतं वा रएंतं वा साइज्जइ॥ २१॥ । .
कठिन शब्दार्थ - अप्पणो - अपने, पाए - पाद - पैर, आमज्जेज्ज - आमर्जित करे - मैल मिटाने एवं शोभा बढ़ाने हेतु पैरों का किसी द्रव्य विशेष द्वारा एक बार मार्जन, स्वच्छीकरण करे, पमज्जेज्ज - प्रमार्जित करे - पुनः-पुन: मार्जन करे, संवाहेज्ज- संवाहन करे - एक बार पैरों को दबाए - पगचंपी करे, पलिमद्देज्ज - परिमर्दित करे - बार-बार पगचंपी करे, तेल्लेण - तेल द्वारा, घएण - घृत द्वारा, वसाए - किसी चिकने पदार्थ द्वारा, णवीएण - मक्खन द्वारा, मक्खेग्ज - म्रक्षण करे - मालिश करे, भिलिंगेज - अभ्यंगन करे - बार-बार मालिश करे, लोद्धेण - लोध्र- लाल या सफेद फूलों के चूर्ण विशेष द्वारा, कक्केण - कल्क - अनेक द्रव्यों को पीसकर बनाई हुई पीठी से, चुण्णेण - पीसे हुए सुगन्धित पदार्थों के चूर्ण - बुरादे द्वारा, वण्णेण - वर्ण द्वारा - अबीर या गुलाल आदि द्वारा, पउमचुण्णेण - पद्मचूर्ण- सुगंधित द्रव्य विशेष के बुरादे द्वारा, उल्लोलेग्ज - उल्लोलित करे - एक बार मले - मसले, उव्वदृग्ज - उद्वर्तित करे - बार-बार मले - मसले, उच्छोलेज - उच्छोलित करे - एक बार प्रक्षालित करे, धोए, पधोवेज्ज - प्रधावित करे -
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