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क्र० . विषय २१२. अनुपयोगी पात्र रखने एवं उपयोगी पात्र न रखने का प्रायश्चित्त २१३. . पात्र-वर्ण-परिवर्तन विषयक प्रायश्चित्त २१४. पात्र परिकर्म (सज्जा) विषयक प्रायश्चित्त २१५. अकल्प्य स्थानों में पात्र आतापित-प्रतापित करने का प्रायश्चित्त २१६. त्रस काय आदि निष्कासनपूर्वक पात्र ग्रहण प्रायश्चित्त २१७. पात्र कोरने का प्रायश्चित्त २१८. मार्गादि में पात्र याचना विषयक प्रायश्चित्त २१९. परिषद् में आहूतकर स्वजनादि से पात्र-यांचना विषयक प्रायश्चित्त २२०. पात्र प्राप्त करने हेतु ठहरने का प्रायश्चित्त
पण्णरसमो उद्देसओ - पंचदश उद्देशक २२१. भिक्षु-आशातना विषयक प्रायश्चित्त । २२२. सचित्त आम्र सेवन विषयक प्रायश्चित्त '२२३.. अन्यतीर्थिक या गृहस्थ से पादआमर्जनादि कराने का प्रायश्चित्त २२४. अकल्प्य स्थानों में मल-मूत्रोत्सर्ग-परिष्ठापन विषयक प्रायश्चित्त २२५. अन्यतीर्थिक या गृहस्थ को आहार देने का प्रायश्चित्त २२६. पार्श्वस्थ आदि के साथ आहार के आदान-प्रदान का प्रायश्चित्त २२७. गृहस्थ को वस्त्र देने का प्रायश्चित्त - २२८. पार्श्वस्थ आदि से वस्त्र लेने-देने का प्रायश्चित्त २२९. गवेषणा के बिना वस्त्र-ग्रहण विषयक प्रायश्चित्त २३०. विभूषार्थ देह-सज्जा विषयक प्रायश्चित्त . २३१. . विभूषार्थ उपधि धारण-प्रक्षालन प्रायश्चित्त
सोलसमो उद्देसओ - षोडश उद्देशक २३२. निषिद्ध शय्या आवास विषयक प्रायश्चित्त २३३ सचित्त इक्षु सेवन विषयक प्रायश्चित्त २३४. आरण्यक आदि से आहार ग्रहण विषयक प्रायश्चित्त २३५. चारित्र रत्न के संबंध में विपरीत कथन विषयक प्रायश्चित्त
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