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निशीथ सूत्र
... जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा सीसगबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणिं वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा सेलबंधणाणि वा अंकबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ॥ ५॥
जे भिक्ख अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा सीसगबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणांणि वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा सेलबंधणाणि वा अंकबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ॥६॥
कठिन शब्दार्थ - अयपाणाणि - लोहे के पात्र, तंबपायाणि - ताँबे के पात्र, तउयपायाणि - रांगे के पात्र, सीसगपायाणि - शीशे के पात्र, कंसपायाणि - कांसी के पात्र, रुप्पपायाणि - चाँदी के पात्र, सुवण्णपायाणि - सोने के पात्र, जायरूवपायाणि - जातरूप संज्ञक उत्तम स्वर्ण विशेष के पात्र, मणिपायाणि - मणिपात्र, काय( कणग)पायाणिकनक संज्ञक स्वर्ण विशेष के पात्र, दंतपायाणि - दाँत के पात्र, सिंगपायाणि - सींग के पात्र, चम्मपायाणि - चर्म के पात्र, चेलपायाणि - कपड़े के पात्र, सेलपायाणि - पत्थर के पात्र, अंकपायाणि - स्फटिक के पात्र, संखपायाणि - शंख के पात्र, वइरपायाणि - हीरे के पात्र, अयबंधणाणि - लोहे के बन्धन। ____ भावार्थ - १. जो भिक्षु लोहा, ताम्बा, रांगा, शीशा, कांसी, चाँदी, स्वर्ण, जातरूप, मणि, कनक, दाँत, सींग, चर्म, वस्त्र, पत्थर, स्फटिक, शंख या हीरा - इनके पात्र स्वयं निर्मित करता है, तैयार करता है अथवा निर्माण करते हुए का अनुमोदन करता है।
२. जो भिक्षु लोहा, ताम्बा, रांगा, शीशा, कांसी, चाँदी, स्वर्ण, जातरूप, मणि, कनक, दाँत, सींग, चर्म, वस्त्र, पत्थर, स्फटिक, शंख या हीरा - इनसे निर्मित वस्त्र धारण करता है - रखता है अथवा धारण करते हुए का अनुमोदन करता है।
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