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क्रं० . विषय
पृष्ठ ११९. पुद्गल प्रक्षेपादि विषयक प्रायश्चित्त
१६० १२०. पशु-पक्षी के अंगसंचालन आदि विषयक प्रायश्चित्त
१६१ १२१. भक्त-पान-प्रतिगृहादि आदान-प्रदान-विषयक प्रायश्चित्त
१६३ १२२. सूत्रार्थ वाचना आदान-प्रदान-विषयक प्रायश्चित्त
१६४ १२३. किसी भी इन्द्रिय द्वारा विकारोत्पादक आकृति बनाने विषयक प्रायश्चित्त १६५ अट्ठमो उद्देसओ - अष्टम उद्देशक
. १६६-१८० १२४. एकाकिनी नारी के साथ आवास आदि विषयक प्रायश्चित्त
१६६ १२५. स्त्री समूह के मध्य धर्मकथा विषयक प्रायश्चित्त १२६. साध्वी के साथ कामासक्त व्यवहार का प्रायश्चित्त
१७३ १२७. उपाश्रय में रात्रि में पुरुष या स्त्री संवास विषयक प्रायश्चित्त १२८. रात्रि में पुरुष या स्त्री-उद्दिष्ट गमनागमन का प्रायश्चित्त
१७६ १२९. : राजमहोत्सव आदि से आहार ग्रहण विषयक प्रायश्चित्त ..
१७७ ... णवमो उद्देसओ - नवम उद्देशक
१८१-२03 १३०. राजपिण्ड ग्रहण एवं सेवन विषयक प्रायश्चित्त
१८१ १३१. राजा के अन्त:पुर में प्रवेश एवं भिक्षा ग्रहण विषयक प्रायश्चित्त
१८२ १३२. राजा आदि के द्वारपाल प्रभृति हेतु निष्पादित खाद्य सामग्री से
आहार लेने का प्रायश्चित्त . १३३. राजा के कोष्ठागारादि के विषय में जानकारी बिना भिक्षार्थ
जाने का प्रायश्चित्त . १३४. राजवैभव आदि परिदर्शन-विषयक प्रायश्चित्त १३५. . आखेट हेतु निर्गत राजा से आहार-ग्रहण-विषयक प्रायश्चित्त १३६. राजसम्मानार्थ आयोजित भोज में आहार-ग्रहण-विषयक प्रायश्चित्त
१८९ १३७. राजा के विश्रामस्थल (छावनी) आदि में ठहरने का प्रायश्चित्त
१९० १३८. युद्धादि हेतु संप्रस्थित-प्रतिनिवृत्त राजा के यहाँ आहार ग्रहण- . विषयक प्रायश्चित्त
१९१ १३९. राज्याभिषेकोत्सव के अवसर पर गमनागमन का प्रायश्चित्त
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