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कं० विषय . ९५. प्रातिहारिक पादपोंछन प्रत्यर्पणा-विषयक-प्रायश्चित्त ९६. प्रातिहारिक दण्ड आदि प्रत्यर्पण-विषयक प्रायश्चित्त ९७. प्रातिहारिक एवं सागारिकसत्क-शय्यासंस्तारक-उपयोग विषयक प्रायश्चित्त ९८. कपास आदि कातने का प्रायश्चित्त ९९. सचित्त, चित्रित-विचित्रित दण्ड बनाने आदि का प्रायश्चित्त १००. नवस्थापित ग्राम आदि में भिक्षा ग्रहण करने का प्रायश्चित्त १०१. खान-निकटवर्ती नवस्थापित बस्ती में प्रवेश आदि विषयक प्रायश्चित्त १०२. मुखवीणिका आदि बनाने एवं बजाने का प्रायश्चित्त १०३. औद्देशिक आदि स्थान में प्रवेश-प्रवास विषयक प्रायश्चित्त १०४. संभोग प्रत्ययिक क्रिया-विषयक प्रायश्चित्त १०५. उपयोग योग उपधि को ध्वस्त कर परठने का प्रायश्चित्त १०६. रजोहरण के अनियमित प्रयोग का प्रायश्चित्त
छट्ठो उद्देसओ - षष्ठ उद्देशक
अब्रह्म के संकल्प से किए जाने वाले कृत्यों का प्रायश्चित्त १०८. कामुकतावश स्व-पाद-आमर्जनादि का प्रायश्चित्त ..
सत्तमो उद्देसओ- सप्तम उद्देशक १०९. तृण आदि की माला बनाने – धारण करने आदि का प्रायश्चित्त ११०. धातु कटकादि निर्माण आदि विषयक प्रायश्चित्त १११. आभूषण निर्माण आदि विषयक प्रायश्चित्त ११२. वस्त्र निर्माण आदि का प्रायश्चित्त ११३. नारी अंग संचालन विषयक प्रायश्चित्त ११४. कामुकतावश परस्पर पाद-आमर्जनादि विषयक प्रायश्चित्त ११५. सचित्त भूमि - सजीव स्थान पर बिठाने आदि का प्रायश्चित्त ११६. अंक एवं पर्यंक पर स्त्री को बिठाने आदि का प्रायश्चित्त ११७. धर्मशाला आदि में स्त्री को बिठाने आदि का प्रायश्चित्त ११८. चिकित्सा विषयक प्रायश्चित्त
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