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अष्टम उद्देशक - एकाकिनी नारी के साथ आवास आदि विषयक प्रायश्चित्त १६९ .
थोक की दुकान में), पणियगिहंसि - पण्यगृह में - माल - असबाब बेचने के छोटे स्थान में (परचून विक्रय केन्द्र में या हाट में), परियासालंसि - पर्यटनशाला में, परियागिहंसि - पर्यटनगृह में, कुविय सालंसि - कुप्यशाला में - लोहे आदि का सामान रखने की बड़ी शाला में, कुवियगिहंसि - कुप्यगृह में - लोहे आदि का समान रखने के छोटे स्थान में, गोणसालंसि - गोशाला में - गायों-बैलों की शाला - गोष्ठ में, गोणगिहंसि- गोगृह में - गायों-बेलों को रखने के छोटे स्थान में, महाकुलंसि - महाकुल में - विशिष्टजनों के कुल में - पारिवारिक स्थान में, महागिहंसि - महागृह में - विशाल भवन में।
भावार्थ - १. जो भिक्षु धर्मशालाओं में, उद्यानों में क्रीड़ा हेतु बने भवनों में, गाथापति कुलों में या परिव्राजकों के आश्रमों में अकेला एकाकिनी स्त्री के साथ गमनागमन या प्रवास आदि करता है या स्वाध्याय करता है, अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप चतुर्विध आहार करता है, मल-मूत्र परठता है, किसी अनार्या, निंदिताचार युक्ता स्त्री को मैथुन विषयक (अश्लील), श्रमण द्वारा प्रयुक्त न किए जाने योग्य कामकथा - कामुकता पूर्ण वचन कहता है अथवा कहते हुए का अनुमोदन करता है।
२. जो भिक्षु उद्यान में, उद्यानगृह में, उद्यानशाला में, निर्गमन-मार्ग-स्थित भवन में गृह में, शाला में अकेला एकाकिनी स्त्री के साथ गमनागमन, प्रवास आदि करता है या स्वाध्याय करता है, अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप चतुर्विध आहार करता है, मल-मूत्र परठता है, किसी अनार्या, निंदिताचार युक्ता स्त्री को मैथुन विषयक - श्रमण द्वारा प्रयुक्त न किए जाने योग्य कामकथा कहता है अथवा कहते हुए का अनुमोदन करता है।
३. जो भिक्षु प्राकार के अधोभाग में, प्राकार के किसी भाग में निर्मित भवन में, प्राकार से सटे हुए मार्ग में, प्राकार के ऊपरितन भाग में निर्मित मकान में, नगर - ग्रामादि के द्वार पर या गोपुर में अकेला एकाकिनी स्त्री के साथ गमनागमन, प्रवास आदि करता है या स्वाध्याय करता है, अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप चतुर्विध आहार करता है, मल-मूत्र परठता है, किसी अनार्या, निंदिताचारयुक्ता स्त्री को मैथुन विषयक, श्रमण द्वारा प्रयुक्त न किए जाने योग्य कामकथा कहता है अथवा कहते हुए का अनुमोदन करता है। - ४. जो भिक्षु उदक - जलाशय के सन्निकट, जलाशय में जलं आने के मार्ग पर, जलाशय से जल ले जाने के पथ पर, कीचड़ युक्त मार्ग पर, जलाशय के तट पर या तालाब पर बने मकान में अकेला एकाकिनी स्त्री के साथ गमनागमन, प्रवास आदि करता है या
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