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निशीथ सूत्र
सचित्त संस्पृष्ट हाथ आदि से आहार लेने का प्रायश्चित्त जे भिक्खू उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा हत्थेण वा मत्तेण वा दव्वीए वा भायणेण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ ३८॥
जे भिक्खू ससरक्खेण वा मट्टियासंसटेण वा ऊसासंसटेण वा लोणियसंसद्वेण वा हरियालसंसडेण वा मणोसिलासंसद्वेण वा वण्णियसंसटेण वा गेरुयसंसटेण वा सेढियसंसटेण वा हिंगुलसंसटेण वा अंजणसंसटेण वा लोद्धसंसट्टेण वा कुक्कुससंसटेण पिट्ठसंसट्टेण वा कंतवसंसट्टेण वा कंदसंसडेण वा मूलसंसटेण वा सिंगबेरसंसट्टेण वा पुष्फसंसट्टेण वा उक्कुट्ठसंसट्टेण वा हत्थेण वा मत्तेण वा दव्वीए वा भायणेण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥३९॥ __ कठिन शब्दार्थ - उदउल्लेण - जल से गीले, मत्तेण - मिट्टी से निर्मित छोटे पात्र से, दव्वीए - दर्वी - कुड़छी से, भायणेण - कांसी आदि धातु पात्र से, ससरक्खेण - सचित्त रज युक्त, मट्टियासंसट्टेण - मृत्तिका संयुक्त, ऊसासंसटेण - ओस बिन्दुओं से संस्पृष्ट (संसक्त), लोणिय - नमक से, हरियाल - हरिताल (पीतवर्णी खनिज द्रव्य विशेष), मणोसिला - मैनसिल (खनिज विशेष), वण्णिय - सचित्त पीत वर्ण युक्त मृत्तिका, गेरुयगैरिक खनिज, सेढिय - श्वेत मृत्तिका, हिंगुल - हिंगुलक, अंजण - सचित्त सौवीर (सुरमा) आदि द्रव्य, कुक्कुस - तत्काल सम्मर्दित तुष, पिट्ठ - गेहूँ का आटा, सिंगबेर - आर्द्रक - अदरक, उक्कुट्ट - सुगन्धित द्रव्य विशेष।
भावार्थ - ३८. जो भिक्षु सचित्त जल से संस्पृष्ट - लिप्त हाथ, मिट्टी के पात्र, कुड़छे, धातुपात्र - इनसे दिए जाने वाले अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप चतुर्विध आहार को ग्रहण करता है या ग्रहण करते हुए का अनुमोदन करता है।
३९. जो भिक्षु सचित्त रज, मृत्तिका, ओसबिन्दु, नमक, हरिताल, मैनसिल, पीत वर्णी मिट्टी, गैरिक खनिज, श्वेत मृत्तिका, हिंगुलक, सुरमा, सम्मर्दित तुष गेहूँ का आटा, कंतव, कंद,
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