________________
२५६
विपाक सूत्र-द्वितीय श्रुतस्कन्ध .......................................................... सिरिघरपडिरूवए पंचसयजाणाई आणप्पवराइं पंचसयजुग्गाइं जुगप्पवराई एवं सिवियाओ एवं संदमाणीओ एवं गिल्लिओ थिल्लीओ पंचसयवियडजाणाई वियडजाणप्पवराई पंचसयरहे पारिजाणिए पंचसयरहे संगामिए. पंचसयआसे आसप्पवरे पंचसयहत्थी हत्थिप्पवरे पंचसयगामे गामप्पवरे दसकुलसाहस्सिएणं गाणेणं पंचसयदासे दासप्पवरे एवं चेव दासीओ एवं किंकरे एवं कंचुइज्जे एवं वरिसधरे एवं महत्तरए पंचसयसोवण्णिए ओलंबणदीवे पंचसयरुप्पामए
ओलंबणदीवे पंचसयसुवण्णरुप्पामए ओलंबणदीवे पंचसयसोवपिणए उक्कंचणदीवे एवं चेव तिण्णि वि, पंचसयसोवण्णिए पंजरदीवे एवं चेव तिण्णि वि पंचसयसोवण्णिए थाले पंचसयरुप्पामए थाले पंचसयसुवण्णरुप्पामए थाले पंचसयसोवण्णियाओ पत्तीओ पंचसयरुप्पामयाओ पत्तीओ पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ पत्तीओ पंचसयसोवण्णियाइं थासगाई पंचसयरुप्पामयाई थासगाई पंचसयसुवण्णरुप्पामयाइं थासगाई पंचसयसोवण्णियाई मल्लगाई पंचसयरुप्पामयाई मल्लगाई पंचसयसुवण्णरुप्पामयाई मल्लगाई पंचसयसोवण्णियाओ तलियाओ पंचसयरुप्पामयाओ तलियाओ पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ तलियांओं पंचसयसोवणियाओ कइवियाओ पंचसयरुप्पामयाओ कइवियाओं पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ कइवियाओ पंचसयसोवण्णिए अवएडए पंचसयरुप्पामए अवएडए पंचसयसुवण्णरुप्पामए अवएडए पंचसयसोवण्णियाओ अवयक्काओ पंचसयरुप्पामयाओ अवयक्काओ पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ अवयक्काओ पंचसयसोवण्णिए पायपीढए पंचसयरुप्पामए पायपीढए पंचसयसुवण्णरुप्पामए पायपीढए पंचसयसोवणियाओ भिसियाओ पंचसयरुप्पामयाओ भिसियाओ पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ भिसियाओ पंचसयसोवण्णियाओ करोडियाओ पंचसयरुप्पामयाओ करोडियाओ पंचसयसुवण्णरुप्पामयाओ करोडियाओ पंचसयसोवण्णिए पल्लंके पंचसयरुप्पामए पल्लंके पंचसयसुवण्णरुप्पामए पल्लंके पंचसयसोवण्णियाओ पडिसेज्जाओ
ETTES
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org